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गुरुवार, 28 जून 2012

हिन्दुस्तान के हिन्दू क्या सब कायर हो गये, कहाँ गये वीर शिवाजी और महाराणा की महिमा गाने वाले ?. ...........


मुझे बचपन से ही ये बात हमेशा आश्चर्य चकित करती थी कि.... आखिर हमारे देश पर कैसे मुहम्मद गजनवी उतनी दूर से आकर 17 बार आक्रमण कर पाया.... बाबर .... मीर कासिम .. या... वो लंगड़ा तैमूरलंग.......... ये सब लुटेरे आखिर कैसे हमारे देश पर बार-बार आक्रमण कर पाए.... हमें जम कर लूटा....
हमारी माताओ और बहनों की इज्जत को तार तार कर पाया....!सच कहूँ तो.... इस कोसीकलां में हुए हाल के दंगे को देख कर.. मुझ जैसे लोगो को ये ""राज"" समझने में जरा भी परेशानी नहीं हुई....... कि...... आखिर उन मुस्लिम लुटेरों में ऐसा क्या खास ""सुर्खाब के पंख"" लगे थे जो....... वे बार बार सफल हो गए और... अन्तत: हमारे देश पर उनकी मनहूस हुकूमत तक काबिज हो गयी...!
आगे कुछ भी समझने से पहले कृपया ... पहले कोसीकलां क्षेत्र को समझ लें...
बृज 84 कोस की यात्रा में आने वाला कोसीकलां क्षेत्र मथुरा जिले सबसे बड़ा उपनगर है|
ये क़स्बा मथुरा और आगरा के मध्य में स्थित है....! यहाँ से आगरा और दिल्ली दोनों सामान रूप से करीब 100 किलोमीटर की दुरी पर स्थित हैं....! मथुरा और पलवल के मध्य में कोसीकलां है...! यहाँ से इनकी दुरी भी करीब 45 किलोमीटर है....!| इसके अलावा यहाँ एक ओर हरियाणा और एक तरफ राजस्थान की सीमा करीब 10 किलोमीटर की दुरी पर हैं|....! भगवान् श्री कृष्ण की बाललीला करने वाले तीर्थ धाम नन्द-गांव, बरसाना, गोवर्धन, कोकिलावन, मथुरा, वृन्दावन इत्यादि धामों के मार्ग भी यहीं से होकर जाते हैं...! उत्तरी भारत सबसे प्रसिद्ध भरतमिलाप मेला का भव्य आयोजन कोसीकलां में ही अश्विन माह के दशहरे के दुसरे दिन होता है|
कोसीकलां लगभग 1.50 लाख जनसँख्या वाला एक हिन्दू बहुल क्षेत्र है ! यहाँ मुस्लिमों की आबादी मुश्किल से 15000 की है.. !
फिर भी यहाँ मुस्लिम इतने दबंग हैं कि.... वे 1 .50 लाख जनसँख्या वाले हिन्दुओं को धमका कर रखते हैं.. यहाँ अक्सर ही....हिन्दू और मुस्लिम के मध्य छोटी-मोटी झडपें होती रहती हैं...!
जनसँख्या में इतना अंतर होने के बाद भी...... कोसीकलां में मुस्लिम हमेशा ही हिन्दुओं पर भारी पड़ते हैं...... क्योंकि.... हिन्दुओं में ज्यादातर लोग या तो शांति के पक्षधर (कायर) होते हैं..... या फिर.... मतलबी.....!
अभी जो कोसीकलां में दंगे हुए हैं.... उसमे सबसे ज्यादा जन माल कि क्षति सिर्फ हिन्दुओं को ही हुई है....!
प्रशासन से ले कर मुल्ला-यम सरकार तक...... सभी, उन जेहादियों की ही पक्षधर दिखती है, जिन्हें जेहाद का मतलब भी नही मालूम...
कारण एक दम साफ़ है....... जो 1 .50 लाख हिन्दू ... मात्र 15000 मुस्लिमों से मार खा कर चुपचाप घरों में दुबक जाए...... अपने जान-माल की क्षति करवाए...... वैसे लोग ... सरकार तो क्या .. भगवान् से भी मदद पाने के हक़दार नहीं हैं....!
लेकिन..... आज कोसीकलां के हिन्दू अपना घर और घरवालों को छोड़ कर भाग रहे हैं....... बाहर से मदद पाने की आस लगाये बैठे हैं.......!
शायद .... उनको ये छोटी सी बात समझ नहीं आ रही है कि.... वे दंगाई मात्र 15000 हैं......... और, हिन्दू 1.50 लाख....!
फिर भी वे सोचते हैं कि...... कोई ना कोई आकर उन्हें बचा लेगा........!
कोई नहीं आएगा........ हमारे हिंदुस्तान के हिन्दुओं को कोई फर्क नहीं पड़ता है.....! यहाँ के लोग केवल न्यूज़ देख कर और पढ़ कर और उस पर अपने मित्रों और बीवी से 2-4 बातें कर अपने कार्यों की इतिश्री मान लेते हैं...!
सब के सब.... अकर्मण्य हो चुके हैं।
अब..... सोचने समझने का वक्त गुजर चुका है...... और, हिन्दुओं को कोई रास्ता नहीं बचा है.....!
या तो.... दुश्मनों का प्रतिरोध करो....... या फिर, दुश्मनों के हाथ मारे जाओ....!
आज ये दंगा सिर्फ कोसीकलां में हुआ है..... कल को हमारी या आपकी बारी है....!
उठो हिन्दुओं........ ... एक जुट हो...!
लड़ो..... और मिटा दो पापियों को...... आज जरुरत पाप को ख़त्म करने की नहीं....... बल्कि, पापियों को ख़त्म करने की है...!
चुन चुन कर ... पापियों को ख़त्म कर दो..... !
और...... नहीं कर सकते तो जहर खा लो..... और, अपने घर वालों को भी खिला कर ये साबित कर दो तुम एक नामर्द हो जिसका हाथ कांप जाता है हथियार देख कर ही...!

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