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बुधवार, 15 अगस्त 2012

इस्लाम में जातिवाद” के कुछ कड़वे सच जो किसी हिन्दू को नही पता, वो आपके सामने ....

इस्लाम में जातिवाद” के कुछ कड़वे तथ्य आपके सामने ....

१. जबसे इस्लाम मज़हब बना है तभी से “शिया और सुन्नी” मुस्लिम एक दूसरे की जान के दुश्मन हैं, यह लोग आपस में लड़ते-मरते रहते हैं ...!!
२. अहमदिया, सलफमानी, शेख, क़ाज़ी, मुहम्मदिया, पठान आदि मुस्लिमों की जातियां हैं, और हंसी की बात, यह एक ही अल्लाह को मानने वाले, एक ही मस्जिद में नमाज़ नहीं पढते!!! सभी जातियों के लिए अलग अलग मस्जिदें होती हैं .!!
३. सउदी अरब, अरब अमीरात, ओमान, कतर आदि अन्य अरब राष्ट्रों के मुस्लिम पाकिस्तान, भारत और बंगलादेशी मुस्लिमों को फर्जी मुसलमान मानते हें और इनसे छुआछूत मानते हैं । सउदी अरब मे ऑफिसो मे भारत और पाक के मुसलमानों के लिए अलग पानी रखा रखता है |
४. शेख अपने आपको सबसे उपर मानते हैं और वे किसी अन्य जाति में निकाह नहीं करते.
५. इंडोनेशिया में १०० वर्षों पूर्व अनेकों बौद्ध और हिंदू परिवर्तित होकर मुस्लिम बने थे, इसी कारण से
सभी इस्लामिक राष्ट्र, इंडोनेशिया से घृणा की भावना रखते हैं..
६. क़ाज़ी मुस्लिम, ''भारतीय मुस्लिमों'' को मुस्लिम ही नहीं मानते... क्यूंकि उन का मानना है के यह सब भी हिंदूधर्म से परिवर्तित हैं !!!
७. अफ्रीका महाद्वीप के सभी इस्लामिक राष्ट्र जैसे मोरोक्को, मिस्र, अल्जीरिया, निजेर,लीबिया आदि राष्ट्रों के मुस्लिमों को तुर्की के मुस्लिम सबसे निम्न मानते हैं ।
८. सोमालिया जैसे गरीब इस्लामिक राष्ट्रों में अपने बुजुर्गों को ''जीवित'' समुद्र में बहाने की प्रथा चल रही है!!!
९. भारत के ही बोहरा मुस्लिम किसी भी मस्जिद में नहीं जाते, वो मात्र मज़ारों पे जाते हैं... उनका विश्वास सूफियों पे है... अल्लाह पे नहीं !!
१०. मुसलमान दो मुखय सामाजिक विभाग मानते हैं-
१. अशरफ अथवा शरु और २. अज़लफ। अशरफ से तात्पर्य है 'कुलीन' और शेष अन्य मुसलमान जिनमें व्यावसायिक वर्ग और निचली जातियों के मुसलमान शामिल हैं, उन्हें अज़लफ अर्थात् नीच अथवा निकृष्ट व्यक्ति माना जाता है। उन्हें कमीना अथवा इतर कमीन या रासिल, जो रिजाल का भ्रष्ट रूप है, 'बेकार' कहा जाता है।
कुछ स्थानों पर एक तीसरा वर्ग 'अरज़ल' भी है, जिसमें आने वाले व्यक्ति सबसे नीच समझे जाते हैं।
उनके साथ कोई भी अन्य मुसलमान मिलेगा- जुलेगा नहीं और न उन्हें मस्जिद और सार्वजनिक कब्रिस्तानों में प्रवेश करने दिया जाता है।
१. 'अशरफ' अथवा उच्च वर्ग के मुसलमान (प) सैयद, (पप) शेख, (पपप) पठान, (पअ) मुगल, (अ) मलिक और (अप) मिर्ज़ा।
२. 'अज़लफ' अथवा निम्न वर्ग के मुसलमान......
(A) खेती करने वाले शेख और अन्य वे लोग जोमूलतः हिन्दू थे, किन्तु किसी बुद्धिजीवी वर्ग से सम्बन्धित नहीं हैं और जिन्हें अशरफ समुदाय, अर्थात् पिराली और ठकराई आदि में प्रवेश नहीं मिला है।
(B) दर्जी, जुलाहा, फकीर और रंगरेज।
(C) बाढ़ी, भटियारा, चिक, चूड़ीहार, दाई,धावा, धुनिया, गड्डी, कलाल, कसाई, कुला, कुंजरा,लहेरी, माहीफरोश, मल्लाह, नालिया, निकारी।
(D) अब्दाल, बाको, बेडिया, भाट, चंबा, डफाली, धोबी, हज्जाम, मुचो, नगारची, नट, पनवाड़िया, मदारिया, तुन्तिया।
३. 'अरजल' अथवा निकृष्ट वर्ग भानार, हलालखोदर,हिजड़ा , कसंबी, लालबेगी, मोगता, मेहतर।

अल्लाह एक, एक कुरान, एक .... नबी ! और महान एकता......... बतलाते हैं स्वंय में ?
जबकि, मुसलमानों के बीच, शिया और सुन्नी सभी मुस्लिम देशों में एक दूसरे को मार रहे हैं .
और, अधिकांश मुस्लिम देशों में.... इन दो संप्रदायों के बीच हमेशा धार्मिक दंगा होता रहता है..!
इतना ही नहीं... शिया को.., सुन्नी मस्जिद में जाना मना है .
इन दोनों को.. अहमदिया मस्जिद में नहीं जाना है.
और, ये तीनों...... सूफी मस्जिद में कभी नहीं जाएँगे.
फिर, इन चारों का मुजाहिद्दीन मस्जिद में प्रवेश वर्जित है..!
किसी बोहरा मस्जिद मे कोई दूसरा मुस्लिम नहीं जा सकता .
कोई बोहरा का किसी दूसरे के मस्जिद मे जाना वर्जित है ..
आगा खानी या चेलिया मुस्लिम का अपना अलग मस्जिद होता है .
सबसे ज्यादा मुस्लिम किसी दूसरे देश मे नही बल्कि मुस्लिम देशो मे ही मारे गए है ..
आज भी सीरिया मे करीब हर रोज एक हज़ार मुस्लिम हर रोज मारे जा रहे है .
अपने आपको इस्लाम जगत का हीरों बताने वाला सद्दाम हुसैन ने करीब एक लाख कुर्द मुसलमानों को रासायनिक बम से मार डाला था ...
पाकिस्तान मे हर महीने शिया और सुन्नी के बीच दंगे भड़कते है ।
और इसी प्रकार से मुस्लिमों में भी 13 तरह के मुस्लिम हैं, जो एक दुसरे के खून के प्यासे रहते हैं और आपस में बमबारी और मार-काट वगैरह... मचाते रहते हैं.

*****अब आइये ... जरा हम अपने हिन्दू/सनातन धर्म को भी देखते हैं.
हमारी 1280 धार्मिक पुस्तकें हैं, जिसकी 10,000 से भी ज्यादा टिप्पणियां और १,00.000 से भी अधिक उप-टिप्पणियों मौजूद हैं..!एक भगवान के अनगिनत प्रस्तुतियों की विविधता,अनेकों आचार्य तथा हजारोंऋषि-मुनि हैं जिन्होंने अनेक भाषाओँ में उपदेश दिया है..
फिर भी, हम सभी मंदिरों में जाते हैं, इतना ही नहीं.. हम इतने शांतिपूर्ण और सहिष्णु लोग हैं कि सब लोग एक साथ मिलकर सभी मंदिरों और सभी भगवानो की पूजा करते हैं .
और तो और.... पिछले दस हजार साल में धर्म के नाम पर हिंदुओं में आपस में धर्म के नाम पर "कभी झगड़ा नहीं" हुआ .
इसलिए इन लोगों की नौटंकी और बहकावे पर मत जाओ... और...."गर्व से कहो हम हिन्दू हैं"...!
जय महाकाल...!!! साभार sikh and hindu...

29 टिप्‍पणियां:

बेनामी ने कहा…

agar apne sahi tarike se Quran ki study nahi ki hai hamare dharam ne hmesha bhai chare ka hi sandesh diya hai jis tarah ki nafrat apke dil me bhari hui hai wo kisi apke bare ki den hai hamara 1 quran 1 khuda 1 manzil 1 hi tarah ki namaz agar nafrat hai to woh ek samajik burai hai dharam ki burai nahi hai. khuda se daro kuki baad marne ke asli zindagi wahi milegi jo log khuda aur mohahmmad par yakin nahi karenge kayamat tak wo log jahannam ki aag me hi jalte rahenge.meri bat mano quran ka arth ek baar zarur parh lo baad me pachhtana na pare. Gyan sikhna bohat zaruri hai.Mera Koi apse jhagra nahi hai bas aap gumrah hain. mai aap se yeh bhi nahi keh raha hu ki aap musalman ho jayen ek baat zarur hai kam se kam apko sahi galat ki pehchan ho jayegi app usi matr bhash ka priyog kar rahe hain jo apne abhi tak sikhi hai hamko chahiye apni mridul bhasha ka use karen jisse hamari aane wali pirhi me pyar aur ek dusre ke priti hamdardi ho.jis trah apki soch hai aise logo ke bare me khoob acchi tarah Quran Shrief me kaee jagah likha hai aur unki saza bhi bata di gayi hai aap vishwas kare ya na kare Quraan ek Asmani kitab hai allah ne dunia walon ke liye hidayat ke liye bheji hai ki hame zindagi jine ke liye kya karna hai kya nahi karna hai yaisa nahi hai ki yeh kewal mualmano ki hi kitab hai is kitab ko duniya ka koi bho viyakti parh sakta hai.Mai apki zehar bhari baton ka jawab apki hi ki baton ki trah de sakta hun magar mai aisa kabhi nahi karunga agar mai aisa karunga to mujhme aur apme kya farak rahega. Sabse bari baat to yeh hai ki hamare mazhb ki buniyad(Aadar) wyawhaar hai agar koi gumrah hai to usko prem se hi raste par laya ja sakta hai meharbani karke acchi vani ka use kijiye. Thank. Aap khush rhe bhagwan apko hame aur sabhi duniya walon ko sahi rasta dikhaye. AAMIN.

बेनामी ने कहा…

Thik kaha Amin.

kamal hasan ने कहा…

Hindu ka matlab hi डाकू लुटेरा hota hai. pahle apne dharma ka.nam balo

kamal hasan ने कहा…

Hindu ka matlab hi डाकू लुटेरा hota hai. pahle apne dharma ka.nam balo

Unknown ने कहा…

Khon see kuran padey....?

बेनामी ने कहा…

Do you have any evidence to prove. But their are 100 of evidence to prove that there exist a cast system in Hinduism

Unknown ने कहा…

Mutra pishaab pina gobar khana yeh kesa Hindu dharam hai.
Islam jesa saccha aur pavitra dharam world m kahi nahi milega.
Islam is the best

Unknown ने कहा…

Aatank vadi kom muslim india pakistan bangladesh ke sabhi muslim yuddh har chuke hinduo ki vidhvao se balatkar se paida huye hai

बेनामी ने कहा…

मैं एक हिन्दू हूँ किन्तु मैंने कुरान और बाइबिल का भी अध्ययन किया है कुरान मैंने तब पढ़ी जब isis अल्लाह के नाम पे क़त्ल किये जा रहे थे। किंतु क़ुरान में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा की किसी भी जीव की हत्या करो मानव हत्या तो दूर की बात है। इसी तरह भगवतगीता बाइबिल गुरु ग्रंथ साहिब हर धर्म में सिर्फ मानव उत्त्थान की बात है। लेकिन सच बात तो ये है कि कोई भी मानव अपने धर्म का प्लान नहीं करता हैं सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए धर्म की बातों को काट छाट के अपने मुताबिक अर्थ निकलते है और उनको गलत ढंग से पेश किया जाता है। लेकिन कुछ देशों के मुस्लिमो में इतनी नफरत कैसे फ़ैल गयी की वो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए अपने कौम के लोगो की ही बलि देने लगे।

बेनामी ने कहा…

इस्लाम को आंतकवादी बोलते हो। जापान मे तो अमेरिका ने परमाणु बम गिराया लाखो बेगुनाह मारे गये तो क्या अमेरिका आंतकवादी नही है। प्रथम विश्व युध्द मे करोडो लोग मारे गये इनको मारने मे भी कोई मुस्लिम नही था। तो क्या अब भी मुस्लिम आंतकवादी है। दूसरे विश्व युध्द मे भी लाखो करोडो निर्दोषो की जान गयी इनको मारने मे भी कोई मुस्लिम नही था। तो क्या मुस्लिम अब भी आंतकवादी हुए अगर नही तो फिर तुम इस्लाम को आंतकवादी बोलते कैसे हो। बेशक इस्लाम शान्ति का मज़हब है।और हाॅ कुछ हदीस ज़ईफ होती है।ज़ईफ हदीस उनको कहते है जो ईसाइ और यहूदियो ने गढी है। जैसे मुहम्मद साहब ने 9 साल की लडकी से निकाह किया ये ज़ईफ हदीस है। आयशा की उम्र 19 साल थी। ये उलमाओ ने साबित कर दिया है। क्योकि आयशा की बडी बहन आसमा आयशा से 10 साल बडी थी और आसमा का इंतकाल 100 वर्ष की आयु मे 73 हिज़री को हुआ। 100 मे से 73 घटाओ तो 27 साल हुए।आसमा से आयशा 10 साल छोटी थी तो 27-10=17 साल की हुई आयशा और आप सल्ललाहु अलैही वसल्लम ने आयशा से 2 हिज़री को निकाह किया।अब 17+2=19 साल हुए। इस तरह शादी के वक्त आयशा की उम्र 19 आप सल्ललाहु अलैही वसल्लम की 40 साल थी।हिन्दुओ का इतिहास द्रोपती ने 5 पांडवो से शादी की तो क्या ये गलत नही है हम मुसलमान तो 4 औरते से शादी कर सकते है ऐसी औरते जो विधवा हो बेसहारा हो। लेकिन क्या द्रोपती सेक्स की भूखी थी। और शिव की पत्नी पार्वती ने गणेश को जन्म दिया शिव की पीछे। पार्वती ने फिर किस के साथ सेक्स किया ।इसलिए शिव ने उस लडके की गर्दन काट दी क्या भगवान हत्या करता है ।श्री कृष्ण गोपियो को नहाते हुए क्यो देखता था और उनके कपडे चुराता था जबकि कृष्ण तो भगवान था क्या भगवान ऐसा गंदा काम कर सकता है । महाभारत मे लिखा है कृष्ण की 16108 बीविया थी तो फिर हम मुस्लिमो को एक से अधिक शादी करने पर बुरा कहा जाता । महाभारत युध्द मे जब अर्जुन हथियार डाल देता तो क्यो कृष्ण ये कहते है ऐ अर्जुन क्या तुम नपुंसक हो गये हो लडो अगर तुम लडते लडते मरे तो स्वर्ग को जाओगे और अगर जीत गये तो दुनिया का सुख मिलेगा। तो फिर हम मुस्लिमो को क्यो बुरा कहा जाता है हम जिहाद बुराई के खिलाफ लडते है अत्यचारियो और आक्रमणकारियो के विरूध वो अलग बात है कुछ लोग जिहाद के नाम पर बेगुनाहो को मारते है और जो ऐसा करते है वे ना मुस्लिम है और ना ही इन्सान जानवर है। राम और कृष्ण के तो मा बाप थे क्या कोई इन्सान भगवान को जन्म दे सकता है। वेद मे तो लिखा है ईश्वर अजन्मा है और सीता की बात करू तो राम तो भगवान थे क्या उनमे इतनी भी शक्ति नही थी कि वे सीता के अपहरण को रोक सके। राम जब भगवान थे तो रावण की नाभि मे अमृत है ये उनको पहले से ही क्यो नही पता था रावण के भाई ने बताया तब पता चला। क्या तुम्हारे भगवान राम को कुछ पता ही नही कैसा भगवान है ये। और इन्द्र देवता ने साधु का वेश धारण कर अपनी पुत्रवधु का बलात्कार किया फिर भी आप देवता क्यो मानते हो। खुजराहो के मन्दिर मे सेक्सी मानव मूर्तिया है क्या मन्दिर मे सेक्स की शिक्षा दी जाती है मन्दिरो मे नाच गाना डीजे आम है क्या ईश्वर की इबादत की जगह गाने हराम नही है ।राम ने हिरण का शिकार क्यो किया बहुत से हिन्दु कहते है हिरण मे राक्षस था तो क्या आपके राम भगवान मे हिरण और राक्षस को अलग करने की क्षमता नही थी ये कैसा भगवान है।हमे कहते हो जीव हत्या पाप है मै भी मानता हू कुत्ते के बेवजह मारना पाप है । कीडी मकोडो को मारना पाप है पक्षियो को मारना पाप है।

बेनामी ने कहा…

और राम या हनुमान ने राम सेतु पुल बनाया था सीता को बचा के लाने के लीए । जब भगवान थे तो पुल बनाने की क्या जरुरत थी उड की नही जा सकते थे। ये एक किस्म की चूतियापंती है और हिन्दु क्या बोलते है कि सारे भगवान मनुष्य के रुप मे थे इसलिए उड के जाने की ताकत नही थी। ये हिन्दु अपनी ही चट करते है और अपनी ही पट। जब मनुष्य के रुप मे भगवान थे। इसका मतलब ये हुआ वे मनुष्य ही भगवान थे । और भगवान उसे कहते है जो कुछ भी कर सकते है तो फिर वे मनुष्य उड क्यो नही सकते थे क्योकि आप लोग तो उनको एक तरीके से भगवान ही मानते हैऔर ब्रहम्मा ने अपनी पुत्री से सेक्स किया था इसलिए हिन्दु ब्रहम्मा की पूजा नही करते है। ब्रहम्मा भी तो आपके भगवान थे भगवान बल्तकार करता है क्या। ये सब आपकी किताबो मे लिखा है। और राम ने अपनी पत्नी सीता की व्रजिन की परीक्षा लेने के लिए घर से बाहर निकाला था। तो क्या औरत को यूही कही भी धक्के दिये जा सकते है। कहने को राम भगवान थे औरत की इज्जत आती नही थी। हमे कहते हो मांस क्यो खाते हो लेकिन ऐसे जानवर जिनका कुरान मे खाना का जिक्र है खा सकते है क्योकि मुर्गे बकरे नही खाऐगे तो इनकी जनसख्या इतनी हो जायेगी बाढ आ जायेगी इन जानवरो की। सारा जंगल का चारा ये खा जाया करेगे फिर इन्सान के लिए क्या बचेगा। हर घर मे बकरे होगे। बताओ अगर हर घर मे भैंसे मुर्गे होगे तो दुनिया कैसे चल पाऐगी। आए दिन सिर्फ हिन्दुस्तान मे लाखो मुर्गे और हजारो कटडे काटे जाते है । 70% लोग मांस खाकर पेट भरते है । सब को शाकाहारी भोजन दिया जाये तो महॅगाई कितनी हो जाएगी। समुद्री तट पर 90% लोग मछली खाकर पेट भरते है। समझ मे आया कुछ शाकाहारी भोजन खाने वालो मांस को गलत कहने वाले हिन्दुओ अक्ल का इस्तमाल करो ।

बेनामी ने कहा…

खैर हिन्दु धर्म मे शिव भगवान ही नशा करते है तो उसके मानने वाले भी शराबी हुए इसलिए हिन्दुओ मे शराब आम है ।डाक कावड मे ऊधम मचाते है ना जाने कितनो की मौत होती है रास्ते मे कोई मुसाफिर आये तो गाली देते है । जितने त्योहार है हिन्दुओ के सब बकवास। होली को देखलो कहते है भाईचारे का त्योहार है। पर शराब पिलाकर एक दुसरे से दुश्मनी निकाली जाती है।होली से अगले दिन अखबार कम से कम 100 लोगो के मरने की पुष्टि करता है ।अब दीपावली को देखलो कितना प्रदुषण बुड्डे बीमार बुजुर्गो की मोत होती है। पटाखो के प्रदुषण से नयी नयी बीमारिया ऊतपन होती है। गणेशचतुर्थी के दिन पलास्टर ऑफ पेरिस नामक जहरीले मिट्टी से बनी करोडो मूर्तिया गंगा नदियो मे बह दी जाती है। पानी दूषित हो जाता है साथ ही साथ करोडो मछलिया मरती है तब कहा चली जाती है इनकी अक्ल जीव हत्या तो पाप है।हम मुस्लिमो को बोलते है चचेरी मुमेरी फुफेरी मुसेरी बहन से शादी कर लेते हो। इन चूतियाओ से पूछो बहन की परिभाषा क्या होती है मै बताता हू साइंस के अनुसार एक योनि से निकले इन्सान ही भाई बहन हो सकते है और कोई नही। तुम भाई बहन के चक्कर मे रह जाओ इसलिए हिन्दु लडको की शादिया भी नही होती अक्सर । हमारे गाव मे 300 हिन्दु लडके रण्डवे है। शादी नही होती उनकी गोत जात पात ऊॅच नीच की वजह से फिर उनका सेक्स का मन करता है वे फिर लडकियो महिलाओ की साथ बलात्कार करते है ये है हिन्दु धर्म । और सबूत हिन्दुस्तान मे अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा रेप होते है । किसी मुस्लिम मुल्क का नाम दिखा दो या बता दो बता ही नही सकते। तुम्हारे हिन्दुओ लडकियो को कपडे पहनने की तमीज नही फिटिंग के कपडे छोटे कपडे जीन्स टीशर्ट आदि पहननती है ।भाई बाप के सामने भी शर्म नही आती तुमको ऐसे कपडो मे थू ऐसे कपडो मे लडकी को देखकर तो सभी इन्सानो की ऑटोमेटिकली नीयत खराब हो जाती है इसलिए हिन्दु और अंग्रेजी लडकियो की साथ बलात्कार होते हे इसके लिए ये लडकिया खुद जिम्मेदार है।।और हिन्दु लडकियो के हाथ मे सरे आम इंटरनेट वाला मोबाइल उसमे इतनी गंदी चीजे।
तुम हिन्दु अपनी लडकियो को पढाते इतने ज्यादा हो जो उसकी शादी भी ना हो सके पढी लिखी लडकी को स्वीकार कौन करता है जल्दी से। पढने का तो नाम है घरवालो के पैसे बरबाद करती है और अय्याशी करती है। इन चूतियाओ से पूछो लडकी इतना ज्यादा पढकर क्या करेगी। मर्द उनके जनखे है जो औरत से कमवाऐगे और खुद बैठकर खाऐगे।सही कहू तो मर्दो की नौकरिया खराब करती है जहा मर्द 20 हजार रूपये महीने की मांग करे वहा लडकिया 2 हजार मे ही तैय्यार हो जाती है। सही कहू बेरोजगारी लडकियो को नौकरी देनी की वजह से है।
और सालो तुम्हारा धार्मिक पहनावा क्या है साडी। जिसमे औरत का आधा पेट दिखता है। पेट छुपाने की चीज है या सबको दिखाने की बताओ । औरत की ईज्जत से खिलवाड खुद करते हो । और मर्दो क धार्मिक पहनावा क्या है धोती। जरा से हवा चलती है तो धोती एकदम उडती है। सारी शर्मगाह दिखाई देती है। शर्म नही आती तुम हिन्दुओ को। क्या ये तुम हिन्दुओ की असलियत नही है। और तुम्हारे सभी भगवान भी धोती के अलावा कुछ नही पहनते थे। बाकी सारा शरीर खुला रहता है
ये कैसे भगवान है जिन्हे कपडे पहनने की भी तमीज नही है।

बेनामी ने कहा…

हिन्दु गर्व के साथ कहते है कि हमारी गीता मे लिखा है कि ईश्वर हर चीज मे मौजूद है ।सब चीजे मे है इसलिए हम पत्थरो को पूजते है और भी बहुत सारी चीजो को पूजते है etc. लेकिन मै कहूगा इनकी ये सोच बिल्कुल गलत है क्योकि अगर हर चीज मे भगवान है तो क्या गू गोबर मे भी है आपका भगवान। जबकि भगवान या खुदा तो पाक साफ है तो दुनिया की हर चीज मे कहा से हुआ भगवान। इसलिए मै आपसे कहना चाहता हू भगवान हर चीज मै नही है बल्कि हर चीज उसकी है और वो एक है इसलिए पूजा पाठ मूर्ति चित्र सब गलत है।कुरान अल्लाह की किताब है इसके बताये गये रास्ते पर चलो। सबूत भी है क्योकि कुरान की आयते पढकर हम भूत प्रेत बुरी आत्माओ राक्षसो से छुटकारा पाते है।हमारी मस्जिद मे बहुत हिन्दु आते है ईलाज करवाने के लिए । और मौलवी कुरान की आयते पढकर ही सभी को ठीक करते है । इसलिए कुरान अल्लाह की किताब है । जबकि आप वेदो मंत्रो से दसरो को नुकसान पहुचा सकते है अच्छाई नही कर सकते किसी की और सभी भगत पंडित जादू टोना टोटके के अलावा करते ही क्या है। जबकि कुरान से अच्छाई के अलावा आप किसी के साथ बुरा कर ही नही सकते। इसलिए गैर मुस्लिमो अल्लाह पर ईमान लाओ
हर धर्म की किताब मे लिखा हुआ है झूठ बोलना पाप है फिर भी तुम हिन्दु अपनी तरफ से हदीसे कुरआन की आयते सब झूठ क्यो लिखते है। आयत नम्बर हदीस नम्बर सब अपनी तरफ से झूठ लिख देते हो। शर्म नही आती तुम्हे। कयामत के दिन जब इंसाफ होगा तब तुम्हे झूठा इल्जाम लगाने का पता चल जायेगा । हद होती है हर चीज की। आपने काबे पर भी इल्जाम लगा दिया। वो अल्लाह का घर है। वहा पर नमाज पडी जाती है लिंग की पूजा नही होती। और क्या कहते हो तुम हमे काबे की सच्चाई सामने क्यो नही लाते हो। यूटयूब पर हजारो विडियो पडी हुयी है देख लो कोई लिंग विंग नही है वहा। बस जन्नत का एक गोल पत्थर है और हर पत्थर का मतलब लिंग नही होता। बाईचान्स मान लो वहा शिव लिंग है।तो क्या आपके शिव लिंग मे इतनी भी ताकत नही है जो वहा से आजाद हो सके। तुम्हारी गंदी नजरो मे सभी मुस्लिम अच्छे नही है इसलिए सारे मुस्लिमो को शिव मार सके। आप तो कहते हो शिव ने पूरी दुनिया बनाई तो क्या एक छोटा सा काम नही कर सकते।
इसलिए तो इन लिंग विंग पत्थरो के बूतो मे कोई ताकत नही होती। बकवास है हिन्दु धर्म।

बेनामी ने कहा…

हिन्दु गर्व के साथ कहते है कि हमारी गीता मे लिखा है कि ईश्वर हर चीज मे मौजूद है ।सब चीजे मे है इसलिए हम पत्थरो को पूजते है और भी बहुत सारी चीजो को पूजते है etc. लेकिन मै कहूगा इनकी ये सोच बिल्कुल गलत है क्योकि अगर हर चीज मे भगवान है तो क्या गू गोबर मे भी है आपका भगवान। जबकि भगवान या खुदा तो पाक साफ है तो दुनिया की हर चीज मे कहा से हुआ भगवान। इसलिए मै आपसे कहना चाहता हू भगवान हर चीज मै नही है बल्कि हर चीज उसकी है और वो एक है इसलिए पूजा पाठ मूर्ति चित्र सब गलत है।कुरान अल्लाह की किताब है इसके बताये गये रास्ते पर चलो। सबूत भी है क्योकि कुरान की आयते पढकर हम भूत प्रेत बुरी आत्माओ राक्षसो से छुटकारा पाते है।हमारी मस्जिद मे बहुत हिन्दु आते है ईलाज करवाने के लिए । और मौलवी कुरान की आयते पढकर ही सभी को ठीक करते है । इसलिए कुरान अल्लाह की किताब है । जबकि आप वेदो मंत्रो से दसरो को नुकसान पहुचा सकते है अच्छाई नही कर सकते किसी की और सभी भगत पंडित जादू टोना टोटके के अलावा करते ही क्या है। जबकि कुरान से अच्छाई के अलावा आप किसी के साथ बुरा कर ही नही सकते। इसलिए गैर मुस्लिमो अल्लाह पर ईमान लाओ
हर धर्म की किताब मे लिखा हुआ है झूठ बोलना पाप है फिर भी तुम हिन्दु अपनी तरफ से हदीसे कुरआन की आयते सब झूठ क्यो लिखते है। आयत नम्बर हदीस नम्बर सब अपनी तरफ से झूठ लिख देते हो। शर्म नही आती तुम्हे। कयामत के दिन जब इंसाफ होगा तब तुम्हे झूठा इल्जाम लगाने का पता चल जायेगा । हद होती है हर चीज की। आपने काबे पर भी इल्जाम लगा दिया। वो अल्लाह का घर है। वहा पर नमाज पडी जाती है लिंग की पूजा नही होती। और क्या कहते हो तुम हमे काबे की सच्चाई सामने क्यो नही लाते हो। यूटयूब पर हजारो विडियो पडी हुयी है देख लो कोई लिंग विंग नही है वहा। बस जन्नत का एक गोल पत्थर है और हर पत्थर का मतलब लिंग नही होता। बाईचान्स मान लो वहा शिव लिंग है।तो क्या आपके शिव लिंग मे इतनी भी ताकत नही है जो वहा से आजाद हो सके। तुम्हारी गंदी नजरो मे सभी मुस्लिम अच्छे नही है इसलिए सारे मुस्लिमो को शिव मार सके। आप तो कहते हो शिव ने पूरी दुनिया बनाई तो क्या एक छोटा सा काम नही कर सकते।
इसलिए तो इन लिंग विंग पत्थरो के बूतो मे कोई ताकत नही होती। बकवास है हिन्दु धर्म।

markets monitor ने कहा…

कुरान, हदीस की असलियत को मुसलमान कैसे छुपाता है


झूठ के बोझ को संभालने के लिए मुसलमान कैसे
रात दिन एक कर देते है ,एक आनलाइन डिबेट मे
इसका नमूना देखिए :-
. 1) इस्लाम की पोल खुलने पर सबसे पहले मुस्लिम
बोलते है कि ये सब तथ्यहीन आधारहीन
है ,अज्ञानता है ,इस्लाम मे कोई
जबरदस्ती नही है! अगर आप रैफरेंस देंगे वो सिरे
से
नकार देंगे और आपको पूरी तरह कुरान
स्टड़ी करने
को बोला जायेगा तभी रोशनी मिलेगी ! .
2)अगर आप कुरान और हदीसो के हवाले देंगे
तो आपको बोलेगे कि तुमने आयते
अधूरी समझी है ,आयतो को गलत संदर्भ मे
लिया है और उन आयतो मे लडाई का मतलब उस
समय के युद्ध से था । (यानि इससे मुस्लिम यह
दिखाना चाहते है कि अब हम दुनियाभर मे
जेहाद नही कर रहे है) .
3)अगर आप संपूर्ण आयतो और
हदीसो का हवाला देंगे तो वो कहेंगे
आपका अनुवाद गलत है और आपको अरबी सीखने
के साथ आरिजनल वर्जन पढ़ने
को बोला जायेगा ! .
4)अगर आप कहेंगे कि आप अरबी भी जानते है
साथ ही आपके पास प्रमाणित अनुवाद और
सारी जानकारी उन्ही प्रमाणित रिसोर्स
से है जिससे सर्वश्रेष्ठ मुस्लिम स्कालर्स
हवाला देते है ,तो मुसलमान कहेंगे कि हदीसे
पढ़ना भी जरूरी है … अगर आप
हदीस से सच
साबित करेंगे तो वे कहेंगे कुरान ही एकमात्र सच
है ! .
5)इन सबके बाद अगर आप जारी रखते है तो वे इस
मुद्दे से बात घुमाने के लिये दूसरे टापिक उठायेंगे
जैसे
गरीबी ,इंसानियत ,शांति ,फिलिस्तीन ,इजराइल ,अमेरिका .
6)अगर आप कहेंगे कि कुरान इंसान ने लिखी है
तो वे Dr Bucalie की किताब
का हवाला देकर सुनिश्चित करेंगे कि कुरान मे
विज्ञान भी है ! .
7)जबकि असल मे Dr bucalie सऊदी अरब से पैसे
लिया करता था और Dr bucalie को कई
विशेषज्ञो ने गलत और झूठा साबित कर
दिया है ! .
8)अब फिर मुस्लिम बोलेंगे कि ये सब वैस्टर्न
मीड़िया का प्रौपगेंड़ा है इस्लाम
को बदनाम करने का ! .
9)अगर आप फिर भी सच सामने लायेंगे
तो मुस्लिम कुतर्को पर उतर आएंगे और दूसरे
मजहबो मे की किताबो मे कमियां निकालेंगे
जैसे बाइबल ,तोराह ,वेद गीता आदि ! .
10)लेकिन हद तो यहा है कि जिन
किताबो को ये नही मानते
उन्ही किताबो मे ये अपने मोहम्मद
जी को अवतार भी दिखायेंगे (जैसे वेदो मे
मुहम्मद को दिखाना).. और इस्लाम
को जबरदस्ती विज्ञान से जोड़गे! (मतलब
किसी भी तरह से हर हाल मे इस्लाम और
मौहम्मद जी की मार्केटिंग करते रहते है ! इस
तरह ये हमेशा काफिरो को थकाकर और
उलझा कर रखते है !) .
11)अगर आप न रूकेतो मुसलमान
द्वारा आपको जाहिल झुठा ,कुत्ता ,जालिम
वगैरह के साथ मां बहन की गाली और
निजी हमले किये जायेंगे .. .
12)अब मुस्लिम रट्टा लगायेंगे कि “इस्लाम
तेजी से फैल रहा है “लेकिन जैसे ही सच्चाई
सामने लायी जाये तो ये चिल्ला भी पड़ेंगे
“इस्लाम खतरे मे है !” .
13)अगर फिर भी आप असली मुद्दे पर अड़े रहेंगे
तो मुसलमान बोलेंगे तुम जहुन्नम मे
जाओगे …आखिरी दिन तुम्हारा हिसाब
होगा …तुम पर अल्लाह का आजाब
होगा ..अल्लाह तुम्हारे साथ ये कर देगा..
वो कर देगा ,वगैरह वगैरह! .
14)और आखिर मे जब सब फेल
हो जायेगा तो अब मुसलमान धमकाने पर आ
जायेंगे जैसे तुम्हे देख लूंगा,बचके रहना ,अपना नंबर
और एड्रेस बताओ ! .

Unknown ने कहा…

हाँ मुसलमानो में जातियाँ होती हैं भेदभाव भी ख़ूब होता है लालबेगिये जाति और नाई जाति सबसे निचले पायदान पर आती है, सैयद पठान और शेख़ लोग इन जतियों को क्रमशः मेहतर और नउआ के नाम से संबोधित करते हैं ,शादी बियाह तो दूर इनको बहुत हिक़ारत की निगाह से देखते हैं , लेकिन इश्वर की प्रार्थना एक साथ मिलकर करते हैं ये इनके लिए मजबूरी है वरना इस्लाम से ख़ारिज हो जाएं गे, मेरा अपना विचार है धर्म कोई भी बुरा नही होता इसको मानने वाले बुरे हो जाते है अपने को सर्वश्रेष्ठ बनाने के चक्कर मे

Unknown ने कहा…

हाँ मुसलमानो में जातियाँ होती हैं भेदभाव भी ख़ूब होता है लालबेगिये जाति और नाई जाति सबसे निचले पायदान पर आती है, सैयद पठान और शेख़ लोग इन जतियों को क्रमशः मेहतर और नउआ के नाम से संबोधित करते हैं ,शादी बियाह तो दूर इनको बहुत हिक़ारत की निगाह से देखते हैं , लेकिन इश्वर की प्रार्थना एक साथ मिलकर करते हैं ये इनके लिए मजबूरी है वरना इस्लाम से ख़ारिज हो जाएं गे, मेरा अपना विचार है धर्म कोई भी बुरा नही होता इसको मानने वाले बुरे हो जाते है अपने को सर्वश्रेष्ठ बनाने के चक्कर मे

simmy ने कहा…

Jahanum ki aag me Muslim hi jal rahe halat unki hi kharab ho Rakhi hai aur ap log apash me hi itna mat kat rahe dusra kya Kahe 😂aur apni sachai Jaan k dukh kya tum maro dusre dharm k logo ko tumhara dhram tumko kha Raha 😂fakr hai Hindu hone pe Hume Jo dharm k nam pe kamse Kam khun Apne hi dharm k logo Ka Nahi nahaye

simmy ने कहा…

Hindu dharm me har bat har chiz Ka pramad aur viswash hai vigyan bhi manta hai angan ki tulshi ho ya Mandir Ka ganti ya oommm ho tum adhi gyan rakhne wale Hindu dharm ko kya jano hindu Khun me janm hua marungi bhi isme kyuki mere purwajo ne mugal desh aur Arab k logo se ladai ki tabhi Mai Hindu hun mere dharm ko itna dard sah k mere purwajo Nahi badla Mai kyu badlo jai Hindu rastr jai hind

simmy ने कहा…

Chalo Accha hai apna waqt Hindu dharm ki Gatha padhne Me lagya Apne ved ramayan Mahabharata bhi man se padh Lena bhagwan tumhe satbudhi de

बेनामी ने कहा…

एक दिन न्यूज मे एक बहस मे एक मुस्लिम धर्म गुरु कह रहे थे कि इस्लाम मे कोई जाती प्रथा नही होती परंतु सच्चाई इसके विपरीत है क्या अनुच्छेद ३४१ में मुसलमानों को ‘पिछड़ा’ बताकर आरक्षण देना इन धर्मों के मूल सिद्धांतों पर हमला है और इन्हें ख़त्म करने की साजिश है कोई इमाम यह कभी नहीं मान सकता कि मुसलमान भी ‘अगड़े’ या ‘पिछड़े’ होते हैं अब सवाल उठता है कि जब खुद मुस्लिम धर्मगुरु मुसलमानों में ‘पिछड़े’ जैसे किसी भी तबके के होने से इनकार करते हैं तो फिर औरों को क्या पड़ी है कि इस अस्तित्त्वहीन पिछड़े तबके के अधिकारों की आवाज बुलंद करें?

क्या इस तरह अनुच्छेद ३४१ में ‘अल्पसंख्यक’ समुदाय के धर्मों को पिछड़ी जाति में शामिल करना इन ‘महान’ अल्पसंख्यक धर्मों का अपमान नही है और पूरी तरह गैर संवैधानिक है और भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष और सर्व धर्म समभाव रखने वाले देशों में ऐसे किसी भी कदम को मंजूरी नहीं दी जा सकती जो हमारे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के धार्मिक जज्बातों को ठेस पहुंचाएं |

पर अगर ऐसा माना जाए कि इस्लाम भी अगड़े और पिछड़े के भेदभाव करते हैं तो सवाल उठता है कि भेदभाव और जात पात का नाम आते ही सब स्कूल कालेजों की किताबों में केवल हिन्दू धर्म को ही क्यों कोसा जाता है? बजाये इसके कि जात पात और भेदभाव को हिन्दुओं की ऐतिहासिक परम्पराओं से सिद्ध किया जाए और फिर उन्हें कोसा जाए, ऐसा क्यों न किया जाए कि सब धर्मों में फैले जात पात के भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई जाए? क्यों न इस्लामी जाति प्रथा पर किताबों में अध्याय जोड़े जाएँ और लोगों को बताया जाए कि किस किस महापुरुष ने मुसलमानों में फैली इस प्रथा के खिलाफ आवाज उठाई?

मुसलमानों के बीच जाति का विकास काफ़ा की अवधारणा के परिणामस्वरूप हुआ जिन लोगों को अशरफ्स के रूप में संदर्भित किया जाता है, उन्हें ऊंचे स्तर का माना जाता है और उन्हें विदेशी अरब वंश का माना जाता है, जबकि अज्लाफ्स को हिंदू धर्म से धर्मान्तरित होने वाला मुसलमान माना जाता है और उन्हें निचली जाति का माना जाता है भारत सहित, वास्तविक मुस्लिम सामाजिक व्यवहार, कठोर सामाजिक ढांचे के अस्तित्व की ओर इशारा करता है जिसे कई मुस्लिम विद्वानों ने काफ़ा की धारणा के साथ सम्बंधित फिक के विस्तृत नियम के माध्यम से उचित इस्लामी मंजूरी प्रदान करने की कोशिश की | प्रमुख मुस्लिम विद्वान मौलवी अहमद रजा खान बेरलवी और मौलवी अशरफ अली फारूकी थान्वी जन्म पर आधारित श्रेष्ठ जाति की अवधारणा के ज्ञाता हैं यह तर्क दिया जाता है कि अरब मूल (सैयद और शेख) के मुस्लिम गैर-अरब या अजामी मुस्लिम से श्रेष्ठ जाति के होते हैं, और इसलिए जब कोई आदमी अरब मूल का होने का दावा करता है तो वह अजामी महिला से निकाह कर सकता है जबकि इसके विपरीत संभव नहीं है|

अशरफ-अज्लाफ़ के विभाजन के अलावा, मुसलमानों में एक अरज़ल जाति भी होती है, जो कि एक अछूत की तरह हैं “अरज़ल” शब्द का संबंध “अपमान” से होता है, और अरज़ल जाति को भनर, हलालखोर, हिजरा, कस्बी, ललबेगी, मौग्टा, मेहतर आदि में प्रतिभाग किया जाता है अरज़ल समूह को 1901 की भारत की जनगणना में दर्ज किया गया था और इन्हें दलित मुस्लिम भी कहा जाता है “इनके साथ और मुहम्मदद नहीं जुड़ते, और इन्हें मस्जिद में प्रवेश करने और सार्वजनिक कब्रिस्तान का इस्तेमाल करने से वर्जित किया जाता है.”उन्हें सफाई करना और मैला ले जाना जैसे “छोटे” व्यवसायों के लिए दूर किया जाता है |
जारी.......

बेनामी ने कहा…

बाबासाहेब अम्बेडकर भारतीय राजनीति के विख्यात व्यक्ति थे और भारतीय संविधान के मुख्य वास्तुकार वे मुस्लिम जाति व्यवस्था और उनके अभ्यासों के कटु आलोचक थे, उन्होंने उद्धृत किया कि “इन समूहों के जाति के भीतर एकदम हिन्दुओं की ही तरह सामाजिक वरीयता होती है लेकिन कई मायनों में वे हिन्दू जातियों से भी बदतर होती हैं” अशरफ को कैसे अज़लफ और अगज़ल को “बेकार” माना जाता है के वे कटु आलोचक थे | उन्होंने मुस्लिम जातिवाद के लिए शरीयत के अनुमोदन की निंदा की यह समाज में विदेशी तत्वों की श्रेष्ठता पर आधारित था जिसने अंततः स्थानीय दलितों के पतन का नेतृत्व किया यह त्रासदी हिंदुओं की तुलना में अधिक कठोर थी जो कि जातीय आधार पर दलितों के समर्थन से संबंधित है |

कुछ समय पहले आन्ध्र प्रदेश विधान सभा में पसमांदा मुसलमानों के लिए 4 फीसदी आरक्षण हेतु लाये गए प्रस्ताव का विरोध मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन के विधायकों ने ही कर दिया और हैदराबाद के एक मुफ्ती ने यहाँ तक कह दिया कि पसमांदा मुसलमानों को दिया जाने वाला आरक्षण हराम है | अब तक हुए 15 लोकसभा चुनावों में तक़रीबन 8000 सांसद चुने गए हैं इनमे से यही कोई 700 सांसद मुसलमान हुए हैं, पर इनमे से सिर्फ 70 सांसद ही पसमांदा बिरादरी के रहे हैं कई पसमांदा बिरादरी के नुमाइन्दे तो अभी तक लोकसभा, राज्य सभा, विधान सभा तथा विधान परिषद् का मुंह तक भी नहीं देख पाए हैं |

पिछड़े समाज के हकूक के लिए लड़ने वाले पिछड़ों के नेता भी पसमांदा मुसलमानों को कयादत सौंपने को तैयार नहीं हैं विभिन्न मसलकों के आलिम भी उंच-नीच की खाई को कायम रखने के लिए इस्लाम की दुहाई देकर पसमांदा मुसलमानों के खिलाफ नित्य नए फरमान जारी करके पसमांदा अकलियत को ज़लील करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ते हैं |

हिंदुस्तानी जम्हूरियत में अब तक 14 राज्यपाल व 8 मुख्यमंत्री मुसलमान बने हैं, इनमे पसमांदा समाज को वंचित रखा गया है | क्या यह पसमांदा मुसलमानों के साथ सेक्युलर मुल्क का वाजिब इंसाफ है? फख्र-ए-कौम अब्दुल कयूम अंसारी ने 1938 में पटना सिटी से उपचुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी में दरख्वास्त दी तो फॉरवर्ड मुसलमानों ने कहा कि अब तो जुलाहे भी एमएलए बनने का ख्वाब देखने लगे इस पर अंसारी साहब दरख्वास्त लेकर फाड़ दी थी सो अंसारी साहब ने 1946 में बिहार से अपने बूते चुनाव लड़ कर 6 सीटें जीतीं लेकिन अबुल कलाम आज़ाद ने मोमिन पार्टी के किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया यहाँ पर खास तौर पर गौरतलब यह है कि सरदार पटेल ने हस्तक्षेप करके गांधीजी के मार्फ़त अबुल कलाम के रिश्तेदार शाह उमेरा का नाम कटवा कर अब्दुल कयूम अंसारी को मंत्री बनवाया |
समाप्त.....

Unknown ने कहा…

दुनिया का सबसे बड़ा खतरा इस्लाम है

vikas pathak ने कहा…

Aur tum jo apni uthni camel ammi ka moot pite ho uska kya be

Unknown ने कहा…

Jo majhab me Mohabbat na ho wo majhab nhi hai

Unknown ने कहा…

Aisa Kuchh nhi hai Islam nhi bolta ke Aap kisi ko taklif de chahe wo koi dram ho kisi ko taklif dene ko nhi bolta

Unknown ने कहा…

Tu madarchod h

Gujjar ने कहा…


Hindu dharm aur Islam Dharm donon Hi Ek Hi thali Ke chatte patte Hain hindu dharm mein bhi varn vyavastha hai Islam Dharm mein bhi ban vyavastha hai hindu dharm mein bhi Jaat paat uchch neech Hai Islam Dharm mein bhi Jaat paat uchch neech hai

latestjobs.com ने कहा…

Teri maaki chut