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गुरुवार, 26 जुलाई 2012

मुसलमान खुद बोल रहे है की काबा हिन्दू मंदिर था बहा पर यज्ञ होते थे.......



अब हम कुछ नहीं कह रहे है मुसलमान खुद बोल रहे है की काबा हिन्दू मंदिर था बहा पर यज्ञ होते थे .... श्री राम जी वह पर राक्षसों से यज्ञ की रक्षा के लिए मक्का (काबा ) गए थे अनवर जमाल भी येही बोल रहा है की कुरान में वेदों का ज्ञान है और उनके बारे में बोला गया है ..लेकिन बो अपनी संकिन बुद्धि का प्रयोग करके मुहम्मद को विष्णु अबतार बताने में लगा है जब की ये गलत है ये वेदों में भी सिद्ध है की मुहम्मद शैतान था .... और ये जो पद चिन्ह है ये श्री राम या वावन अवतार के हो सकते है क्युकि इस्लाम में तो पद चिन्ह की पूजा निषेद है और आप खुद देख सकते है चित्र में की पदचिन्ह पर चन्दन , रोली से पूजा होती है और चिन्ह के ऊपर घंटी नुमा भी लग रहा है जो इस्लाम के खिलाफ है .......
 हिंदुस्तान से भी लोग वहां जाते थे। मक्का को भारतीय लोग मख के नाम से जानते हैं। यज्ञ के पर्यायवाची के तौर पर ‘मख‘ शब्द भी बोला जाता है जैसा कि तुलसीदास ने विश्वामित्र के यज्ञ की रक्षा हेतु श्री रामचंद्र जी के जाने का वर्णन करते हुए कहा है कि
 *प्रात कहा मुनि सन रघुराई। निर्भय जग्य करहु तुम्ह जाई॥
होम करन लागे मुनि झारी। आपु रहे मख कीं रखवारी॥1॥
 भावार्थ:-सबेरे श्री रघुनाथजी ने मुनि से कहा- आप जाकर निडर होकर यज्ञ कीजिए। यह सुनकर सब मुनि हवन करने लगे। आप (श्री रामजी) यज्ञ की रखवाली पर रहे॥1॥
'मख‘ शब्द वेदों में भी आया है और मक्का के अर्थों में ही आया है। यज्ञ को यज भी कहा जाता है। दरअस्ल यज और हज एक ही बात है, बस भाषा का अंतर है। पहले यज नमस्कार योग के रूप में किया जाता था और पशु की बलि दी जाती थी। काबा की परिक्रमा भी की जाती थी। बाद में यज का स्वरूप बदलता चला गया। हज में आज भी परिक्रमा, नमाज़ और पशुबलि यही सब किया जाता है और दो बिना सिले वस्त्र पहने जाते हैं जो कि आज भी हिंदुओं के धार्मिक गुरू पहनते हैं।
 क़ुरआन ने यह भी बताया है कि मक्का का पुराना नाम बक्का है ,
 - अनवर जमाल
 डा. श्याम गुप्त said.............
 ---मक्का निश्चय ही ’मख’ का अपभ्रन्श रूप होसकता है....अति-पुरा काल में सारा अरब प्रदेश, अफ़्रीका, तिब्बत , साइबेरिया , एशिया एक ही भूखन्ड था..जन्बू द्वीप या भरत खन्ड...भारत...अत:भारत का उत्तर-पश्चिमी भाग ... अरबप्रदेश वाला भारतीय भूभाग मानव का प्रथम पालना रहा होगा जहां से मानव इतिहास की प्रथम सन्स्क्रिति व प्रथम यग्य प्रारम्भ हुई होगी ..शायद जल-प्रलय से पहले ..
 "मरूतगण का अर्थ मरूस्थलवासी है।"---सही नही है ...मरुत..वायुदेव को कहते हैं..मरुतगण का वायु देव की सेना ..जिसमें मेघ,वर्षा आदि भी सम्मिलित हैं...
 --वैदिक युग में यग्य में पशु बलि नहीं दी जाती थी ...बाद में असन्स्कारित, अवैदिक सन्स्क्रिति के लोगों ने यह पशु वध आदि अरम्भ्य किया होगा.


13 टिप्‍पणियां:

Unknown ने कहा…

जय महाकाल

Unknown ने कहा…

mahakal bhakt ravindra mankar_jai mahakal -jai bholenath

Unknown ने कहा…

हजे अस्वद काबा प्राचिनकालिन का शिव मन्दिर है।जय मक्केश्वर महादेव

Hemant Jagtap ने कहा…

Very Nice

Mahakal Bhakt Ravindra Mankar ने कहा…

काबा सनातन शिव मन्दिर
मक्का शहर मे स्थित है जैसे
इस्लाम के जन्म से पहले मक्का के
कबिले वाले साल मे एक बार
काबा मे विशेष पुजा के लिए
एकत्रित होकर मक्केश्वर महादेव
की पुजा करते थे उसी प्रकार आज
मुस्लिम लोग साल मे एक बार
विशेष पुजा के लिए काबा मे जाते
है..........!.
काबा काले रंग की चादर से लिपटा हुआ है, इस
काले रंग के चादर को 'किस्वा' कहते हैं |
'किस्वा' को हर साल नया बनवा कर बदल
दिया जाता है| मक्का की एक विशेष
फैक्ट्री ही इसको डिज़ाइन करती है और
बनाती है | इसकी क़ीमत लगभग SAR 17
मिलियन (यानि लगभग 221 मिलियन
भारतीय मुद्रा) होती है | इसका कुल वज़न
670 किलोग्राम होता है और यह काले रंग
का सिल्वर डाईड कपडा होता है | कपडे पर
कुरान की आयतें (श्लोक) लिखीं हुईं हैं जिनके
लिखने में 120 किलोग्राम शुद्ध सोने और 50
किलोग्राम शुद्ध चाँदी का इस्तेमाल होता

शेख ने कहा…

अरे ये पागल को खुद तो कुछ पता नहीं और लोगो को सलाह देने निकला हे। मकेश्वर जेसा कुछ हेही नहीं। ये लोगोको भ्रमित कर रहा हे। देखने जाए तो इस्लाम में हर धर्मो से मिलता हे। और हम मक्का की पूजा नहीं करते वो इबादत की दिशा हे। हम सिर्फ अल्लाह की इबादत करते हे। पहेले वहा बुत यानि मूर्तिया थी। लेकिन उसका नाम राम नहीं था। गांडू राम तो अयोध्यामे था।और तुम्हारे कोई सस्त्रो में राम के बारेमे ऐसा कुछ हे या ऐसे ही मन गडट कहानी बना रहा हे। रामायण नहीं पढ़ी। भारत ही अकेला खंड था जहा विष्णु संकर राम की पूजा करने वाले लोग थे। उस वकत वहा यहूदी,इसाई जेसे धर्म को मानने वाले लोग थे। और मक्का में कोई शिवलिंग नहीं हे। तुम खुद गलत रास्ते पैर जा रहे हो। और दुसरो को भी गलत रासते पैर लेके जा रहें हो।।।शेतान तेरा बाप होगा जिसने तुज जेसा बेटा पैदा किया। जो लोगो को गलत ज्ञान दे रहा हे।।।।

avi ने कहा…

musalman 1 shaitan hi hai

Unknown ने कहा…

आप इतना खिसिया क्यों रहे हैं। चलो मान लिया सब झूठ है पर ये तो झूठ नहीं है की जब मुगल भारत में आये उससे पहले जो लोग भारत में रहते थे वो सनातन धर्म मानते थे और मुग़लों ने ही तलवार के नोक पर मुसलमान बनाये तो इसका मतलब आपके पूर्वज हिन्दू थे या मुग़लों के साथ आये थे। अब मुग़ल लोग तो इतने आदमी लेकर आये नहीं थे।
चलो अब इससे पीछै चलते है। आपके अंतिम नवी के पहले उनके कबीले वाले कुरैश कबीले के लोग मूर्ती पूजा करते थे वो और यहूदी लोग और ईसाई लोग जो भी लोग उस समय वहां पर थे वो सभी लोग पूर्व मै सनातन धर्म को ही मानते थे। सनातन धर्म ही सभी धर्मों का आधार है।
सनातन धर्म यानि की हिन्दू धर्म से पूर्व कोई धर्म नहीं था।

Unknown ने कहा…

अगर ए सब झूठ है तो क्यों चाँद को मान्यता है इसलाम में वो भी अधा चाँद जो शिव ने अपने सिर पे धारण किया है और क्यों मक्का में सिर का मुंडन करके और सफेद धोती पहन के परिक्रमा की जाती है ये तो हिन्दू करते हैं

बेनामी ने कहा…

Gando to or tera bap ho ga sale Jo bat keni h tmij se ke
Ram k bare m sahi nhi bol skta to glat bhi mat bol

बेनामी ने कहा…


हर धर्म की किताब मे लिखा हुआ है झूठ बोलना पाप है फिर भी तुम हिन्दु अपनी तरफ से हदीसे कुरआन की आयते सब झूठ क्यो लिखते है। आयत नम्बर हदीस नम्बर सब अपनी तरफ से झूठ लिख देते हो। शर्म नही आती तुम्हे। कयामत के दिन जब इंसाफ होगा तब तुम्हे झूठा इल्जाम लगाने का पता चल जायेगा । हद होती है हर चीज की। आपने काबे पर भी इल्जाम लगा दिया। वो अल्लाह का घर है। वहा पर नमाज पडी जाती है लिंग की पूजा नही होती। और क्या कहते हो तुम हमे काबे की सच्चाई सामने क्यो नही लाते हो। यूटयूब पर हजारो विडियो पडी हुयी है देख लो कोई लिंग विंग नही है वहा। बस जन्नत का एक गोल पत्थर है और हर पत्थर का मतलब लिंग नही होता। बाईचान्स मान लो वहा शिव लिंग है।तो क्या आपके शिव लिंग मे इतनी भी ताकत नही है जो वहा से आजाद हो सके। तुम्हारी गंदी नजरो मे सभी मुस्लिम अच्छे नही है इसलिए सारे मुस्लिमो को शिव मार सके। आप तो कहते हो शिव ने पूरी दुनिया बनाई तो क्या एक छोटा सा काम नही कर सकते।
इसलिए तो इन लिंग विंग पत्थरो के बूतो मे कोई ताकत नही होती। बकवास है हिन्दु धर्म।

बेनामी ने कहा…

Jab aap murtiyo ko patthar bol kar hindu dharm ko jhutha bolte hai toh aap khud kyu uss jannat k patthar ki puja karte hai woh bhi toh sirf ek patthar hi hai aur aap toh murti pujan me vishwaas nhi karte

Unknown ने कहा…

|| हरि ओम नमः शिवाय ||