गुजरात में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा व काग्रेस समेत करीब एक दर्जन
राजनीतिक दल मैदान में कूद चुके है। काग्रेस, जीपीपी, राकापा, जदयू, लोजपा,
शिवसेना, सपा व बसपा सहित हर दल के निशाने पर गुजरात गोरव मुख्यमंत्री
नरेंद्र मोदी
है, जबकि मोदी के निशाने पर प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह व काग्रेस महासचिव
राहुल गाधी। सारी पार्टिया आज मोदी जी के पीछे हाथ धो कर पड़ गयी हें,
क्यों की वो सिर्फ आम जनता के विकास और फायदे के ही काम करते हें, और दुसरे
दल सिर्फ लफ्फासी बाते ही करते हें, और घोटालो के बारे में तो आप जानते ही
हें | अब ये सारे चोर और घोटालेबाज दल और नेता यही चाहते हें, और यही काम
करते आये हें की, जो भी इस देश का या जनता का विकास करता हें या करने की
कोशिश भी अगर करता हें तो ये उसे डुबोने में या उसे बहुत भारी अपराधी साबित
करने में लग जाते हें| अब सब मोदी जी के पीछे इसलिए ही पड़े हें क्यों की
उनके द्वारा कराए गये विकास कार्यो की चर्चा भारत में ही नही पुरे विश्व
में हो रही हें |
मोदी जी देश के विकास की बात कर रहे है, जबकि अन्य दल वोट ''कटवा'' बनकर भाजपा और मोदी जी का चुनावी गणित बिगाड़ने की रणनीति पर चल रहे है। देश के आम चुनाव से पहले गुजरात विधानसभा के चुनाव को सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री मोदी व काग्रेस नेता राहुल गाधी का आमना सामना तय है। राजनीतिक बयानबाजी के चलते इस चुनाव पर देश की नजरे टिकी है, मोदी अपनी विवेकानंद युवा यात्रा के जरिए जनसंपर्क में जुटे है, जबकि काग्रेस को अपने स्टार प्रचार राहुल का इन्तजार है। मुख्यमंत्री मोदी अपने शासन के चार हजार दिन पूरे करने के साथ ही मंगलवार को राज्य के 14 हजार सरपंचों का महासम्मेलन आयोजित कर एक बड़े वोट बैंक को साधने की तैयारी में है। इससे पहले मोदी ने गाधीनगर में ही महात्मा मंदिर की स्थापना के दौरान भी प्रदेश के सभी सरपंचों को इसमें भागीदार बनाया था। उधर काग्रेस केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की उपलब्धियों को जनता तक पहुचाकर गुजरात की दशा और दिशा बदलने का भरोसा दे रही है। काग्रेस अपने गुजरात प्रजा विकास दर्शन के जरिए अब तक सात चुनावी घोषणाएं कर चुकी है, जिसमें महिलाओं को आवास, युवाओं को रोजगार, ब्याज मुक्त मोबाइक, मुफ्त शिक्षा व स्वास्थ्य के साथ मुफ्त लेपटॉप देने का झूठा वादा किया गया है।अगर गुजरात की जनता इन चोर कांग्रेसियों के झूठे वादों के चक्कर में पड़ी तो वो अपने विकास पुरुष मोदी को खो देगी | और कांग्रेस फिर से गुजरात को बीमारू राज्यों की लाइन में ला कर पटक देगी | मुख्यमंत्री मोदी अब तक अपने विकास कार्यो के साथ काग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाए हुए है, अब उनके मुद्दों में किराना बाजार में विदेशी निवेश, डीजल के दाम में वृद्धि तथा राहत दरों पर मिलने वाले गैस सिलेंडर भी शामिल हो गए है। मोदी केंद्र के इन फैसलों को जनविरोधी बताने के साथ काग्रेस पर देश को बर्बाद करने का भी आरोप लगा रहे है। इसके जवाब में काग्रेस ने अपने चुनाव प्रबंधकों को मैदान में उतारने के संकेत दिए है। देश में सूचना क्राति के जनक सैम पित्रोदा को गुजरात भेजकर इसकी शुरुआत भी कर दी है। पित्रोदा का कहना है कि केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाधी और बोफोर्स तोप घोटाले के पिता के 21वीं सदी के भारत का सपना पूरा करने को कटिबद्ध है। जिसमे पुरे देश को अमेरिका के यहा गिरवी रखना भी शामिल हें |
मेरी गुजरात वासियों से एक ही अपील हे की मोदी जेसा व्यक्ति उन्हें वापस कभी नही मिलेगा | वोटिंग वाले दिन सब अपना काम बंद रख कर अपने परिवार के हर इंसान वो चाहे कहीं भी हो, उसका वोट मोदी जी के पक्ष में डलवाए, जाती-पाती और दलगत निति से ऊपर उठ कर मोदी को वोट करे, और सारे चोर और लुटर डालो को सबक सिखाये ताकि दुबारा वो गुजरात का रुख नही करे|
मोदी जी देश के विकास की बात कर रहे है, जबकि अन्य दल वोट ''कटवा'' बनकर भाजपा और मोदी जी का चुनावी गणित बिगाड़ने की रणनीति पर चल रहे है। देश के आम चुनाव से पहले गुजरात विधानसभा के चुनाव को सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें मुख्यमंत्री मोदी व काग्रेस नेता राहुल गाधी का आमना सामना तय है। राजनीतिक बयानबाजी के चलते इस चुनाव पर देश की नजरे टिकी है, मोदी अपनी विवेकानंद युवा यात्रा के जरिए जनसंपर्क में जुटे है, जबकि काग्रेस को अपने स्टार प्रचार राहुल का इन्तजार है। मुख्यमंत्री मोदी अपने शासन के चार हजार दिन पूरे करने के साथ ही मंगलवार को राज्य के 14 हजार सरपंचों का महासम्मेलन आयोजित कर एक बड़े वोट बैंक को साधने की तैयारी में है। इससे पहले मोदी ने गाधीनगर में ही महात्मा मंदिर की स्थापना के दौरान भी प्रदेश के सभी सरपंचों को इसमें भागीदार बनाया था। उधर काग्रेस केंद्र सरकार तथा प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की उपलब्धियों को जनता तक पहुचाकर गुजरात की दशा और दिशा बदलने का भरोसा दे रही है। काग्रेस अपने गुजरात प्रजा विकास दर्शन के जरिए अब तक सात चुनावी घोषणाएं कर चुकी है, जिसमें महिलाओं को आवास, युवाओं को रोजगार, ब्याज मुक्त मोबाइक, मुफ्त शिक्षा व स्वास्थ्य के साथ मुफ्त लेपटॉप देने का झूठा वादा किया गया है।अगर गुजरात की जनता इन चोर कांग्रेसियों के झूठे वादों के चक्कर में पड़ी तो वो अपने विकास पुरुष मोदी को खो देगी | और कांग्रेस फिर से गुजरात को बीमारू राज्यों की लाइन में ला कर पटक देगी | मुख्यमंत्री मोदी अब तक अपने विकास कार्यो के साथ काग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाए हुए है, अब उनके मुद्दों में किराना बाजार में विदेशी निवेश, डीजल के दाम में वृद्धि तथा राहत दरों पर मिलने वाले गैस सिलेंडर भी शामिल हो गए है। मोदी केंद्र के इन फैसलों को जनविरोधी बताने के साथ काग्रेस पर देश को बर्बाद करने का भी आरोप लगा रहे है। इसके जवाब में काग्रेस ने अपने चुनाव प्रबंधकों को मैदान में उतारने के संकेत दिए है। देश में सूचना क्राति के जनक सैम पित्रोदा को गुजरात भेजकर इसकी शुरुआत भी कर दी है। पित्रोदा का कहना है कि केंद्र सरकार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाधी और बोफोर्स तोप घोटाले के पिता के 21वीं सदी के भारत का सपना पूरा करने को कटिबद्ध है। जिसमे पुरे देश को अमेरिका के यहा गिरवी रखना भी शामिल हें |
मेरी गुजरात वासियों से एक ही अपील हे की मोदी जेसा व्यक्ति उन्हें वापस कभी नही मिलेगा | वोटिंग वाले दिन सब अपना काम बंद रख कर अपने परिवार के हर इंसान वो चाहे कहीं भी हो, उसका वोट मोदी जी के पक्ष में डलवाए, जाती-पाती और दलगत निति से ऊपर उठ कर मोदी को वोट करे, और सारे चोर और लुटर डालो को सबक सिखाये ताकि दुबारा वो गुजरात का रुख नही करे|
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